माउस क्या है? What is Mouse of hindi.

आज हम Computer Mouse के बारे में संपूर्ण जानकारी को देखेंगे, की माउस क्या है, (What is Mouse in hindi) आपने कभी ना कभी Computer Mouse का इस्तेमाल तो जरूर किया ही होगा आज के समय में बिना इंटरनेट के कोई कार्य संभव नही है। और जो इंटरनेट के बारे में जनता है वह माउस के बारे में जरूर जानता है, की माउस क्या है?

Mouse बहुत महत्वपूर्ण Pointing डिवाइस है जोकि कंप्यूटर में यूज की जाती है आज में आपको बताऊगा की Mouse क्या है? इसके कितने प्रकार होते है। इसके पार्ट और इसका इतिहास। और माउस के बारे में संपूर्ण जानकारी।



◆ माउस क्या है? (What is Mouse in hindi)

Mouse एक Input डिवाइस है, इसका कार्य Computer के स्क्रीन में pointer या Cursor को कंट्रोल Control होता है, Mouse के द्वारा हम कप्यूटर में रखे File, Folder और दूसरे सभी आइटम को Open या Close करने व एक स्थान से दूसरी स्थान में जाने व उनकी जानकारी लेने में इस्तेमाल करते हैं इन सभी कार्यो को आसानी से कर पाने की वजह से Mouse को Pointing डिवाइस भी कहते हैं

कोई भी Computer user Mouse का इस्तेमाल करके Computer को Inshtraction देता है, कि उसे क्या कार्य करना है। इस प्रकार Mouse, User और Computer के मध्य एक Interface का कार्य करता है। Mouse के द्वारा User Computer के प्रत्येक हिस्से में आसानी से जा सकते हैं।


◆ माउस का फुल फॉर्म (Full Form of Mouse)

माउस का फुल फॉर्म "Manually Operated Utility For Selecting Equipment" होता है, इसे हम आसान भाषा में माउस कहते हैं।

Mouse का हिंदी में में भी फुल फ़ॉर्म होता है।

माउस को हिंदी में "उपकरण के चयन के लिए मैन्युअल रूप से संचालित उपयोगिता" कहा जाता है।


◆ माउस की परिभाषा (Definetion of Mouse)

Mouse कप्यूटर की Pointing device है, जिसके बिना Computer को Run करना आसान नही होता है, Mouse की मदद से आप Display Screen पर Point, Select, Click, Drop तथा Scroll कर सकते है, माउस में दो बांटने तथा एक Curser होता है जिसकी सहायता से हम विभिन्न कार्य कर सकते हैं।

◆ माउस के अंग (Part of mouse in hindi)

बटन (Butten) - हर एक Mouse में कम से कम 2 बटने होती है, जिसमें एक बटन Left में और दूसरी Right में होती है।

व्हील (Wheel) - यह Mouse का दूसरा पार्ट होता है, Wheel का उपयोग आप Computer में Page up तथा Page down करने के लिए करते हैं।

Ball, LID या Laser - माउस का तीसरा पार्ट Ball, LID या Laser होता है इनमे अलग-अलग Type में बॉल या रोलर का उपयोग होता है, इसे मैकेनिकल Mouse के नाम से भी जाना जाता हैं, जिन Mouse में Laser या LID का उपयोग किया जाता है, उन्हें हम ऑप्टिकल माउस के नाम से जानते हैं LID की मदद से ही हमें माउस प्वाइंटर को ट्रैक करने में मदद मिलती है।

Circuit board - यह Mouse का चौथा पार्ट होता है, Circuit board माउस के अंदर ही होता है, और जब भी आप माउस से कोई क्लिक करते हो या कोई एक्टिविटी करते हो इन सभी चीजों को Computer में इनपुट करने के लिए माउस में सर्किट बोर्ड लगाया जाता है।

Cabel या wireless risiver - यह Mouse का पांचवा पार्ट होता है कप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए माउस में एक वायर दिया जाता है, आजकल के अधिकतर माउस में USB Port दिया हुआ होता है जिसकी सहायता से हम अपने Mouse को कप्यूटर में कनेक्ट करते हैं।

आज के समय में Wireless Mouse अधिकतर उपयोग में लाए जा रहे हैं अगर आप Wireless Mouse यूस करते हैं तो आपको वायरलेस port की आवश्यकता होगी।

आज के समय में Wireless Mouse अधिकतर उपयोग में लाए जा रहे हैं अगर आप Wireless Mouse यूस करते हैं तो आपको वायरलेस port की आवश्यकता होगी।

◆ माउस के प्रकार (Type of Mouse in hindi)

माउस मुख्यतः पांच प्रकार के होते हैं।
1. Mechinical Mouse (मैकेनिकल माउस)
2. Optical Mouse (ऑप्टिकल माउस)
3. Wireless Mouse (वायरलेस माउस)
4. Track ball (ट्रैकबॉल माउस)
5. Stylus Mouse (स्टाइलस माउस)

Mechinical Mouse - इस माउस का आविष्कार सन 1972 में बिल इंग्लिश ने किया था। Mechinical Mouse में Ball का Use किया जाता था, इसी कारण इसका दूसरा नाम Ball Mouse भी है इसे बॉल माउस भी कहा जाता है, इस बॉल को हम Left-right या ऊपर- नीचे घुमाया जा सकता था।

Optical Mouse - यह माउस एलईडी व डी एस पी एन की टेक्निक पर कार्य करता है, इस माउस में कोई Ball नहीं होती है बल्कि इसकी जगह पर एक छोटा सा बल लगा दिया जाता है इसी कारण जब भी हम उसको हिलाते हैं तो इसका बवंडर हलचल करता है और हम कंप्यूटर कंस्ट्रक्शन दे पाते हैं इसका उपयोग आजकल बहुत ज्यादा किया जाता है इसमें एक तार लगा होता है जिसकी सहायता से यह कंप्यूटर में जोड़ता है ऑप्टिकल माउस का उपयोग काफी आसान होता है।

Wireless Mouse - जिन माउस में किसी तरह के तार का उपयोग नहीं किया जाता उसे वायरलेस मोबाइल कहते हैं कॉर्डलेस माउस भी कहते हैं या माउस रेडियो फ्रिकवेंसी की तकनीक पर कार्य करता है तथा इसकी बनावट साधारण माउस की तरह ही होती है वायरलेस माउस का उपयोग करने के लिए एक ट्रांसमीटर और रिसीवर की आवश्यकता होती है ट्रांसमीटर माउस के अंदर ही लगा होता है तथा रिसीवर को कंप्यूटर में लगाया जाता है इस माउस को चलाने के लिए एक बैटरी की आवश्यकता होती है।

Track ball Mouse - इस माउस मैं कंट्रोल करने के लिए ड्राइवर का इस्तेमाल किया जाता है कंप्यूटर को किसी भी तरह का इंस्ट्रक्शन देने के लिए यूजर को अपनी उंगली अंगूठे से उस ट्रैवल को घुमाना पड़ता है यह माउस चलाना आसान नहीं होता यह माउस चलाने में काफी समय लगता है तथा इसने सही कंट्रोल भी नहीं होता है।

Stylus Mouse - इस तरह के माउस को हम जस्टिक माउस भी कहते हैं यह माउस की आकृति पेन की तरह होती है तथा इस प्लेन में एक व्हील भी लगा होता है इस माउस का उपयोग अधिकतर टचस्क्रीन डिवाइस में ही किया जाता है अधिकतर जो टच स्क्रीन लैपटॉप आते हैं उसमें Stylus Mouse माउस का उपयोग करते हैं।


◆ माउस के कार्य (Work of Mouse)

जब आप Mouse को Computer से कनेक्ट करते हैं तो माउस में एक LED चालू हो जाती है हम माउस को जिस डायरेक्शन में मूव करते हैं तो कप्यूटर स्क्रीन पर Curser भी उसी डायरेक्शन में जाता है, माउस के निम्नलिखित कार्य हैं।

Pointing - जब भी आप किसी के Folder पर Curser को लेकर जाएंगे तो या उसको Point करेगा, तथा जिसे Point किया है, उसके ऊपर एक बॉक्स बन जाता है।

Selecting - किसी भी Folder के ऊपर अगर आप कर्सर को ले जाकर माउस की Left butten को प्रेस करते हो तो वहां सिलेक्ट हो जाएगा।

आप किसी भी Folder, photo, वीडियो, और Song इनको सेलेक्ट कर सकते हैं, और सिलेक्ट करने के बाद अपनी आवश्यकता के अनुसार Cut, Copy, Paste व delite कर सकते हैं।

आप किसी भी Folder, photo, वीडियो, और Song इनको सेलेक्ट कर सकते हैं, और सिलेक्ट करने के बाद अपनी आवश्यकता के अनुसार Cut, Copy, Paste व delite कर सकते हैं।

Clicking - इसका अर्थ है कि Click करना। माउस में जो दो बटन दिए हुए हैं, इन बटनो को प्रेस करना ही क्लिक कहलाता है। क्लिक दो प्रकार के होते हैं left-click और Right Click.

Right Click - किसी भी Folder के ऊपर Curser को ले जाकर Right Click करने पर उस Folder में क्या-क्या फंक्शन मौजूद है, हमें यह सारी Infermetion प्राप्त हो जाती है।

Left-click - Left-click तीन प्रकार के होते हैं

1. Single click - किसी भी फाइल पर Single click करके हम उसे सिलेक्ट कर सकते हैं, तथा Single click करके किसी मैन्यू को Open कर सकते हैं, और किसी URL को Single click की सहायता से Open कर सकते हैं।

2. Double-click - जब हम Left butten को दो बार Click करते हैं, तो उसे double-click कहा जाता है हम double-click की सहायता से किसी भी File को Open कर सकते हैं।

3. ट्रिपल क्लिक - जब हम माउस की Left butten को तीन बार Click करते हैं, तो हम किसी भी पैराग्राफ को एक साथ पूरा सिलेक्ट कर पाते हैं।

जैसे की हम Notpad या Wordpad में कोई Text लिखा हुआ है, तो उस पर Single click करते हैं तो Curser का निशान आ जाता है, और डबल क्लिक करते हैं, तो वह वर्ल्ड पूरा सिलेक्ट हो जाता है, और अगर Tripal click करते हैं, तो पूरा का पूरा पैराग्राफ ही सिलेक्ट हो जाता है।

ड्रैगन ड्रॉप- इसकी सहायता से हम किसी भी File को एक जगह से उठाकर दूसरी जगह रख सकते हैं, किसी भी फाइल को एक जगह से दूसरी जगह उठाकर रखने के लिए हमें सबसे पहले उसका Curser को फाइल के ऊपर ले जाना होगा। और Left butten को प्रेस करना होगा और हमें Folder जहां ले जाना है, वहां ले जाकर Left butten को छोड़ देना है।

Scrolling - Mouse में दिए हुए व्हील को हम ऊपर की ओर से scroll करेंगे तो हम page के ऊपर साइड में पहुंच जाएंगे, और अगर नीचे की ओर से scroll करेंगे तो हम page के नीचे पहुंच जाएंगे।

◆ माउस का इतिहास (Histrey of Mouse)

"डगलस एंजेलबर्ट" ने सन 1960 में Mouse का आविष्कार किया था, लेकिन उस समय उन्होंने उसे लकड़ी से बनाया था। उसके बाद सन 1963 में "बिल इंग्लिश" ने दो Wheel से चलने वाला Mouse बनाया।
"जैक हॉली और बिल इंग्लिश" ने पहला डिजिटल माउस 1972 में डिजाइन किया था। यह Mouse सीधे इन्फॉर्मेशन कंप्यूटर में भेजता था।

उस समय माउस को 'बग' के नाम से जाना जाता था, लेकिन इसे माउस इसलिए कहने का मुख्य कारण यह था कि यह चूहे की तरह दिखाई देता था।
सन 1981 में माउस यूज़ करने के लिए बाजार में उपलब्ध हो गया था। इसमे बॉल और दो बटन होते थे।

माउस में जो बॉल लगी होती है उसका अविष्कार बिल इंग्लिश ने 1970 में किया था।
सन 1991 में लॉजिटेक कंपनी ने दुनिया का प्रथम वायरलेस माउस बनाया, जिसे बनाने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी ट्रांसमिशन का यूज़ किया था।
सन 2004 में "लॉजिटेक कंपनी" ने प्रथम लेजर माउस को इस्तेमाल के लिए बाजार में उतारा था। यह ऑप्टिकल माउस से 20 गुना ज्यादा स्पीड से चलता था।
माउस की स्पीड को "मिकी यूनिट" में गिना जाता है। एक मिकी एक इंच का 200वां हिस्सा होता है।

◆ आपने क्या सीखा ?

दोस्तों मैं उम्मीद करता हूं, की आपको इस लेख के माध्यम से इस बात की जानकारी जरूर हो गई होगी कि Mouse क्या है, और यह कैसे काम करता है, और Mouse के सारे फायदे, हमारी हमेशा से यही कोशिश होती है कि आपको हमारे लेख के माध्यम से सारी जानकारी प्राप्त हो जाए।
अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो कृपया कर हमे कमेंट करके जरूर बताएं और इस पोस्ट को शेयर जरूर करे।

1 टिप्पणियाँ

  1. Thank you sir, I read your entire article above. I really liked your article. I have been following your blog for a few days now. All your articles are great. Keep up the good work. Thank you very much... Best full form

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