कम्‍प्‍यूटर मैमोरी क्‍या है? Types of Computer Memory in hindi.

मैमोरी (Memory)


1. प्राइमरी या मुख्‍य मैमोरी (Primary Memory or Main Memory) –

     इसे आन्‍तरिक (Internal) मैमोरी भी कहा जाता है, क्‍योंकि यह कम्‍प्‍यूटर के CPU से सीधे सम्‍पर्क में रहती है या CPU का ही भाग होती है। इसमें लाखों की संख्‍या में बाइट्स (Bytes) होती है। प्रत्‍येक बाइट, 8 बिटों (Bits) की एक श्रंखला होती है। बिट सूचना की सबसे छोटी इकाई है। किसी बिट की दो स्थितियाँ हो सकती हैं, जिन हम ऑन (ON) तथा ऑफ (OFF) कहते हैं। सुविधा के लिए हम इन स्थितियों को क्रमश: 1 तथा 0 से व्‍यक्‍त करते हैं। 

कम्‍प्‍यूटर मैमोरी (Computer memory) क्‍या है? Types of Computer Memory in hindi.

 यह संग्रह इकाई बहुत महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंकि माइक्रोप्रोसेसर निर्देश व डाटा को मुख्‍य मैमोरी से ही पढ़ता है।       

प्राइमरी मैमोरी (Memory) तीन प्रकार की होती है-

1. रैम (RAM) (Random access Memory)
2. रोम (Rom) (Read Only Memory)
3. कैश मैमोरी (Cash Memory) 

1. RAM – इसका पूरा नाम Random access Memory है। RAM एक चिप में होती है, इस मैमोरी में सूचनाओं को पढ़ा व लिखा जाता है तथा इसमें सूचनाओं को संग्रह भी किया जा सकता है। यह एक वोलेटाइल Memory है अर्थात् बिजली जाने पर इसमें संग्रह किए गए डाटा हमेशा के लिए नष्‍ट हो जाते हैं। RAM में भरी जाने वाली सूचनाएँ अस्‍थाई होती है। RAM में वे प्रोग्राम और डेटा रखे जाते हैं, जिनको CPU सर्च और प्राप्‍त कर सके। 


a) SRAM (Static Random Access Memory)
b) DRAM (Dynamic Random Access Memory)


a) SRAM - इसका पूरा नाम Static Random Access Memory है। SRAM में सूचना विद्युत/बिजली मिलने पर स्‍थाई बनी रहती है। यह मैमोरी  तीव्र कार्य करती है। यह मैमोरी महंगी होती है।


b) DRAM –इसका पूरा नाम Dynamic Random Access Memory है। यह मैमोरी गतिशील होती है। इसमें पॉवर सप्‍लाई मिलते रहने पर सूचना Leak हो जाती है, जिससे इसमें अतिरिक्‍त रिजनरेटर सर्किट की आवश्‍यकता होती है, जो सूचना को यथावत् बनाए रखता है। इस मैमोरी का घनत्‍व (Density) अधिक होता है यह सस्ती होती है इनका प्रयोग Main Memory के रूप में किया जाता है। 


2. ROM -  इसका पूरा नाम Read Only Memory है यह भी एक ऐसी मैमोरी है, जिसके द्वारा सूचनाओं को पढ़ा जाता है,  यह मैमोरी (Non – Volatile) मैमोरी होती है अ‍र्थात् इसमें सूचनाएँ नष्‍ट नहीं होती है। यह निम्‍न तीन प्रकार की होती है। 

● PROM (Programmable Read Only Memory)

● EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory)

● EPPROM(Electrically Erasable Programmable Read Only Memory)

a) PROM - इस प्रकार की मैमोरी में एक बार प्रोग्राम Store करने के पश्‍चात् बदले या Delete  नहीं किया जा सकते हैं।  


b) EPROM इस मैमोरी में प्रोग्राम स्‍टोर करने के Delete किया जा सकता है। इस मैमोरी से प्रोग्राम हटाने के लिए पराबैंगनी किरणों (Ultra Voilet Rays) का उपयोग किया जाता है 

c) EEPROM -  इस मैमोरी में प्रोग्राम को आवश्‍यकता पड़ने पर विद्युत तरंगों द्वारा मिटाया जा सकता है और नए प्रोग्राम डाले जा सकते हैं। 

 
2. द्वितीयक मैमोरी (Secondary Memory) – 
    
यह मैमोरी CPU के बाहर होती है, इसलिए इसे External या Secondary मैमोरी भी कहा जाता है। कम्‍प्‍यूटर की मुख्‍य मैमोरी बहुत महँगी होने तथा बिजली बन्‍द कर देने पर उसमें रखी सूचनाएँ डिलीट हो जाने के कारण, न तो हम उसे  बढ़ा सकते हैं और न हम उसमें कोई इन्फॉर्मेशन स्‍टोर कर सकते हैं  

इसमें एक ही कमी है कि इन माध्‍यमों में डेटा को लिखने (अर्थात् स्‍टोर करने) तथा पढ़ने (अ‍र्थात् प्राप्‍त करने) में बहुत समय लगता है इसलिए हम इसमें ऐसी सूचनाएँ भण्‍डारित करते हैं, जिन्‍हें दीर्घ अवधि तक सुरक्षित रखना हो तथा जिनकी आवश्‍यकता लगातार नहीं पड़ती हो। यह मैमोरी कुछ चुम्‍बकीय युक्तियों (Magnetic Devices) के रूप में होती है; जैसे – प्‍लॉपी डिस्‍क, हार्डडिस्‍क, चुम्‍बकीय टेप, सीडी रोम आदि। 


1. प्‍लॉपी डिस्‍क (Floppy Disk) यह एक पतली प्‍लास्टिक की डिस्‍क होती है, जिसमें चुंबकीय पदार्थ की परत चढ़ी होती है। इस चुंबकीय डिस्‍क पर सूचनाओं को संग्रहित किया जाता है।  डिस्‍क के किनारे पर राइट प्रोजेक्‍टर नोज होता है। जब ये नोज खुला होता है तो हम Floppy में सूचनाओं को पढ़ सकते हैं, लिख सकते हैं। जब यह नोज बंद हो जाता है, तब हम इसमें सूचनाओं को पढ़ और लिख दोनों सकते हैं। 

एक Floppy को Track or Sector में विभाजित किया जाता है। सूचनाएँ Floppy के Sector में लिखी जाती है। 

Floppy Disk दो प्रकार की होती है- 

1. Soft Sector Floppy – इसे बार-बार Format किया जाता है।

2. Hard Sector Floppy – वह प्‍लॉपी जिसके निर्माण के समय में स्‍थायी रूप से Track or Sector का निर्माण कर दिया जाता है तथा इसे पुन: Format नहीं किया जा सकता है। 

यह वर्गाकार एवं 3.5 एवं 5.25 इंच के सामान्‍य आकारों में मिलती है। 

 ● 5.25 इंच की Floppy में 40-40 Track दोनों तरफ होते हैं तथा प्रत्‍येक Track में (9 Sector) होते हैं। 

● 3.5 की Floppy में दोनों तरफ 80-80 Track होते हैं प्रत्‍येक Track में (18 Sector) होते हैं। 

● Floppy Disk के एक सेक्‍टर (Sector) में 512 Bite होती है। 


Memory Unit – मैमोरी को मापने की इकाई मैमोरी यूनिट कहलाती है। 

1. बिट (Bit) Binary digit यह 0,1 के रूप में होती है। 

2. बाइट (Byte) – 8 बिट से मिलकर 1 बाइट बनती है। Byte Memory की सबसे छोटी क्रियात्‍मक इकाई होती है। 

             Memory Unit


Memory


Unit
0,1
Bit

4 Bit
1 Nibble

8 Bit
1 Byte

1024 Byte
1 KB  (Kilo Byte)

1024 KB
1 MB (Mega Byte)

1024  MB
1 GB (Giga Byte)

1024 GB
1 TB (Tera Byte)

1024 TB
1 PB (penta Byte)

1024 PB
1 EB (Exa Byte)

1024 EB
1 ZB (Zetta Byte)

1024 ZB
1 YB (Yotta Byte)




           
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