कम्‍प्‍यूटर का इतिहास एवं विकास। - History and development of computer in hindi.

कम्‍प्‍यूटर का इतिहास एवं विकास। - History and development of computer in hindi लगभग 300 वर्ष पुराना है कम्‍प्‍यूटर का विकास गणितीय (Mathmetical) गणनाओं को करने के लिए किया गया था।

डिजिटल कम्‍प्‍यूटर को अस्तित्‍व में आए हुए लगभग 50 वर्ष ही हुए है, लेकिन अगर कंप्यूटर के इतिहास की बात की जाय कंप्यूटर का इतिहास - History and development of computer in hindi बहुत पुराना है।


आवश्‍यकता आविष्‍कार की जननी होती है, आज के कम्‍प्‍यूटर इसी आवश्‍यकता का परिणाम है।
कम्‍प्‍यूटर के विकास क्रम को तीन भागों में बांटा जा सकता है।

कम्‍प्‍यूटर का विकास (Development of computer)


1. डार्क ऐज (Dark Age : 5000C - 1890AD)
2. मिडिल ऐज (Middle Age : 1890-1944)
3. मॉर्डन ऐज (Modern Age : 1944 निरंतर)


◆ डार्क ऐज (Dark Age : 5000C – 1890AD)


अबेकस - इसका आविष्‍कार सन् 1602 में चीन में हुआ था।

विशेषताएँ - सबसे पहला एवं सरल यन्‍त्र। क्षैतिज (Horizontal) तारों मेगोलाकार मोतियों के द्वारा गणना की जाती है।

अनुप्रयोग - अबेकस का प्रयोग जोड़ने व घटाने के लिए किया जाता था। इसका प्रयोग वर्गमूल निकालने के लिए किया जाता था।

नेपियर्स बोन्‍स - इसका आविष्‍कार सन् 1617 में स्‍कॉटलैण्‍ड के आविष्‍कारक जॉन नेपियर द्वारा किया गया।

विशेषताएँ - 10 आयताकार पटिट्यों पर 0 से 9 तक के पहाड़े इस प्रकार लिखे जाते हैं कि एक पट्टी के दहाई के अंक दूसरी पट्टी के इकाई अंकों के पास आज जाते थे। गणना के लिए प्रयोग में आने वाली प्रौद्योगिकी को राबडोलोगिया कहते हैं। 

अनुप्रयोग - गुणा अत्‍यंत शीघ्रतापूर्वक की जा सकती थी। गणनात्‍मक परिणाम को ग्राफिकल संरचना द्वारा दर्शाया जाता था।

पास्‍कलाइन (1642) - ब्लेज पास्कल ने सन 1642 ईसवी में सर्वप्रथम यंत्र से जोड़ करने वाली मशीन का आविष्कार किया उसने इस मशीन का आविष्कार अपने पिता की मदद करने के लिए किया उनके पिता फ्रांस में एक कर अधिकारी के रूप में काम करते थे 

इसी तरह दूसरे मशीन की विकास की प्रक्रिया भी शुरू हो गई और दूसरी मशीन का निर्माण 1684 में गॉट फ्रेंड लेबनीज ने किया या मशीन एक वास्तविक केलकुलेटर सिद्ध हुआ क्योंकि 

इसके जरिए जोड़ एवं घटाव के अलावा गुना एवं भाग करना भी संभव हो गया अर्थात बड़ी बड़ी घटनाओं को हल करना कुछ सरल हो गया।

विशेषताएँ - यह प्रथम मैकेनिकल एडिंग मशीन है।यह मशीन ओडोमीटर एवं घड़ी के सिद्धांत पर कार्य करती है।

अनुप्रयोग - संख्‍याओं को जोड़ने और घटाने के लिए प्रयोग किया जाता था।

एनालिटिकल इंजन (1837) - कंप्यूटर के इतिहास में चार्ल्स बैबेज का नाम सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है उन्होंने आज के आधुनिक डिजिटल कंप्यूटर का पिता कहा जाता है उन्होंने सन 1822 ईसवी में डिफरेंस इंजन का निर्माण किया उनके द्वारा निर्मित एनालिटिकल इंजन कंप्यूटर के शुरुआत के लिए 1 मील का पत्थर साबित हुआ 

इस मशीन में लगभग 50000 हिलने डुलने वाले भाग लगे हुए थे जो कि आंतरिक द्वारा कार्य करते थे यह दोनों प्रकार के कार्य करने में सक्षम था अंक गणितीय गणना करने वाले आंकड़े को सुरक्षित रखने में सक्षम था।

विशेषताएँ - यह प्रथम जनरल पर्पज कम्‍प्‍यूटर है।इस मशीन को आधुनिक कम्‍प्‍यूटरों का प्रारूप माना जाता है। यह एक मैकेनिकल मशीन है।

अनुप्रयोग - इसका प्रयोग सभी गणितीय सक्रियाएँ करने में किया जाता था।

जैकार्ड लूम (1804) - जोसेफ़ जैकार्ड 19वीं शताब्दी चरणों में ही वास्तविक विकास की दशा के में एक कार्य करना शुरू कर दिया था चेक वर्ड कोई वैज्ञानिक नहीं था बल्कि एक कपड़ा बनाने वाला कारीगर था उसने 1804 ईसवी में ऑटोमेट लूम का आविष्कार किया 

उसने पंच कार्ड का इस्तेमाल अपने स्वचालित वस्त्र बनाने वाली मशीन में किया जिससे कि वह जटिल डिजाइन को भी नमूने में डालकर कपड़ों में उतार सके इसने इसमें काफी सफलता भी पाई इस मशीन का कार्य पंच कार्ड में उपस्थित चित्र पर निर्भर करता था 

इस तरह जो सिर्फ चेक वडने एक दो अंकित संकेत तंत्र के विकास के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान किया 

विशेषताएँ - यह एक ऐसी बुनाई मशीन थी, जिसमें बुनाई के डिजाइन डालने के लिए छिद्र किए हुए कार्डों का उपयोग किया जाता था। यह एक मैकेनिकल लूम था।

अनुप्रयोग - इसका प्रयोग कपड़े बुनने के लिए किया जाता था।

कम्‍प्‍यूटर का इतिहास क्या है? History of Computer in hindi

◆ मिडिल ऐज (Middle Age : 1890-1944) 


टैबुलेटिंग मशीन (1890) - सन 1885 ईसवी में हरमन होलेरिथ जो कि संयुक्त राज्य अमेरिका के जनगणना विभाग में काम करता थे उन्होंने सन 1885 ईसवी में बिजली से चलने वाली मशीन का निर्माण किया जो सभी तरह की घटनाएं कर सकती थी तथा उसे स्थाई रूप से सुरक्षित भी रख सकती थी 

यह मशीन संख्याओं के साथ साथ अक्षरों को भी समझ सकती थी उसे विभिन्न प्रक्रियाओं के द्वारा इच्छा अनुसार प्रस्तुत भी कर सकती थी यह मशीन पंच कार्ड के जरिए इनपुट सकती थी और उनके चित्रों का मेल ही उस इनपुट डाटा का संकेत तैयार करता था 

उसने एक मशीन का आविष्कार किया जो कार्ड में छेद करने में सक्षम थी इसे टेबुलेटर कहा गया यह मशीन कार्ड की प्रोसेसिंग भी कर सकती थी

इस मशीन में 1890 में यूएस US जनगणना में 600 लाख व्यक्तियों की सूचनाओं को सही रूप से हल किया 1996 ईसवी में होलेरिथ ने अपनी खुद की एक कंपनी की स्थापना की जिसका नाम टेबुलेटिंग मशीन कंपनी रखा है 

यही कंपनी आज आईपीएम IBM के नाम से विश्व विख्यात है इस तरह हम पाते हैं कि कंप्यूटर में नई खोज वर्षों से होती आ रही है और कुछ समय के अंतराल के बाद नए नए तरह के कंप्यूटर का निर्माण होता जा रहा है

अतः इस प्रक्रिया को कप्यूटर पीढ़ी के रूप में देखते हैं तो आइए हम कप्यूटर की पीढ़ियां के बारे में जानते हैं।

विशेषताएँ - इसमें संख्‍या पढ़ने का कार्य छिद्र किए हुए कार्डों द्वारा किया जाता था एक समय में, एक ही कार्ड को पढ़ा जाता था। 

अनुप्रयोग - इसका प्रयोग 1890 ई. की जनगणना में किया गया था।

एनिएक - इसका आविष्‍कार सन् 1946 में जे पी एकर्ट और जॉन मौचली ने किया था। ये अमेरिकी वैज्ञानिक थे।

विशेषताएँ - यह बीस एक्‍युमूलेटर्स का एक संयोजन है। यह पहला डिजिटल कम्‍प्‍यूटर था। 

अनुप्रयोग - इसका प्रयोग प्राइवेट फर्मों, इंजीनियर्स रिसर्च एसोसिएशन और IBM में किया गया था।

एडसैक - इसका आविष्‍कार 1949 में
मौरिस विल्‍केस ने किया था वे अमेरिकी वैज्ञानिक थे
विशेषताएँ - यह पहला प्रोग्राम संगृहीत डिजिटल कम्‍प्‍यूटर था। 

अनुप्रयोग - यह वर्गों के पहाड़ों की भी गणना कर सकता था।

यूनिवैक -1 -- इसका आविष्‍कार 1951 में अमेरिका के वैज्ञानिक जे प्रेस्‍पर एकर्ट और जॉन मौचली ने किया था

विशेषताएँ - य‍ह सांख्यिकी और शाब्दिक दोनों प्रकार के डेटा को संसधित करता था। यह मैग्‍नेटिक टेप का प्रयोग इनपुट और आउटपुट के लिए करता था। 

अनुप्रयोग - इसका प्रयोग वाणिज्यिक इस्‍तेमाल के लिए किया जाता था।

IBM - 650 इसका आविष्‍कार 1953 में IBM कंपनी द्वारा किया गया था।

विशेषताएँ - यह इनपुट/आउटपुट यूनिट एल्‍फाबेटीकली तथा स्‍पेशल कैरेक्‍टर को दो अंकीय डेसीमल कोड में परिवर्तित करता है। 

अनुप्रयोग - पेयरोल प्रोसेसिंग, मार्किट रिसर्च एनालिसिस

◆ मॉर्डन ऐज (Modern Age : 1944 निरंतर)


मार्क-1 - इसका आविष्कार अमेरिका के वैज्ञानिक हॉवर्ड एकेन ने किया था मार्क-1 का आविष्कार हॉवर्ड एकेन ने 1937 में किया था

विशेषताएँ - यह विश्‍व का प्रथम पूर्ण स्‍वचालित विद्युत यान्त्रिक (Electro mechanical) गणना यन्‍त्र था। इसमें इण्‍टरलॉकिंग, पैनल के छोटे गिलास, कॉउण्‍टर, स्विच और नियन्‍त्रण सर्किट होते थे। 

अनुप्रयोग - इसका प्रयोग गणनाएँ करने में किया जाता था।
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