Computer Virus क्या है? इसे किस प्रकार नष्ट किया जाता है।


Virus एक ऐसा प्रोग्राम है जो कंप्यूटर में होता है इसे मुख्यता कंप्यूटर को हानि पहुंचाने के लिए बनाया गया है आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे Virus के बारे में संपूर्ण जानकारी जानेंगे की Computer Virus क्या होता है?कंप्यूटर वायरस (Computer Virus) के प्रकार क्या है और Computer Virus को कैसे नष्ट किया जाता है।


◆ वायरस (Virus) क्या है?


आज के समय मे जैसे-जैसे कंप्यूटर की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे कंप्यूटर वायरस (Virus) भी बीमारी की तरह फैलता जा रहा है यह वायरस खासकर भारत व पाकिस्तान जैसे देशों में बहुत फैल रहा है लोग अधिकतर चोरी के सॉफ्टवेयर का ज्यादा उपयोग कर रहे हैं जो कि गैरकानूनी है। 


Virus अन्य स्वस्थ् प्रोग्राम में संक्रमण कर देता है तथा ये Virus अपने आप को बढ़ाते रहते हैं और यह बात उपयोगकर्ताओं को पता ही नहीं चलती है की वायरस (Virus) भी एक कंप्यूटर प्रोग्राम होता है इसीलिए यह कंप्यूटर के केवल चुंबकीय मध्य में स्थित रहता है और इस प्रकार संक्रमण करता है अर्थात जब चुंबकीय माध्यम संपर्क में आता है तब यह वायरस फैलता है।


◆ Virus का फुल फॉर्म क्या है?


Virus का अर्थ "Vital information Resources Under Siege" है।


Computer Virus क्या है? इसे किस प्रकार नष्ट किया जाता है।


◆ Virus का इतिहास क्या है? 


Virus का इतिहास 1980 में शुरू होता है जब अमेरिका सुरक्षा के लिए कर्मचारी जीन बर्लैंड ब्लेजर ने पहली बार Virus का अपनी संस्था में नेटवर्क में वायरस को रखा तथा डेटाबेस के 11650 रिकॉर्ड को नुकसान करने में सफलता प्राप्त किया ।


◆ Virus को कैसे पहचाने ?


Virus को पहचानना बहुत ही आसान है अधिकतर Virus जब हमारे कंप्यूटर में आते है तो शुरुआत में ही हमे पता चल जाता है इन वायरस को पहचाने के कुछ लक्षण होते है जिससे हम इस वायरस को गंभीर रूप लेने से पहले ही अपने कंप्यूटर से हटा सकते है इन वायरस को हम निम्न संकेतो से हटा सकते है।


1. जब कंप्यूटर धीमा हो - अगर हमारा कंप्यूटर धीमा हो गया हो जैसे कि किसी भी विंडो या सॉफ्टवेयर को खोलने में अधिक समय ले रहा हो तो इसका मतलब है कि कंप्यूटर में वायरस आ गए है।


2. ब्राउजर सेटिंग में बदलना - अगर आपके कंप्यूटर के ब्राउज़र का Home page अपने आप ही बदल गया हो तो इसका मतलब है कि आपके कंप्यूटर में कोई स्पाइवेयर का हमला हुआ है।


3. कंप्यूटर हैंग होना - जब हम कंप्यूटर चला रहे है और हमारा कंप्यूटर चलाते अचानक हैंग हो जाये तो हमे समाज जाना चाहिए कि हमारे कंप्यूटर में वायरस है हमला हो चुका है कंप्यूटर हैंग होने का मुख्य कारण इंफैक्शन होता है। 


4. पॉप अप विंडोज - जब हम कंप्यूटर पर इंटरनेट कनेक्ट करके जैसे ही ब्राउज़र को ओपन करते है तो उसमें बहुत सारी ऑटोमेटिक पॉप आप विंडो ओपन होने लगती है जो कि किसी व्यवसाय के विज्ञापन की होती है या फिर अन्य वेबसाइट के लिंक होते है।


5. जब अजीब से आइकॉन बनने लगे - अगर हमारे कंप्यूटर में डेक्सटॉप में अजीब से आइकॉन बनने लगे और उन्हें डिलीट करने पर वह फिर से आ जाये ओर उस पर क्लिक करने से अजीब से विज्ञापन की या फिर अन्य वेबसाइट ओपन होने लगे तो इसका कारण है कि आपके कंप्यूटर में वायरस आ गए है।


6. अनजानी फोल्डर फॉर फाइलें - अगर हमारे कंप्यूटर में डेक्सटॉप में या ड्राइव में अजीब से फोल्डर बनने लगे जिन्हें अपने नही बनाया हो और उन्हें डिलीट करने पर वह फिर से आ जाये इसका कारण भी वायरस होता है।


◆ वायरस कैसे फैलता है?


वायरस अनेक कारणों से फैल सकता हैं इसके फैलने ने मुख्य कारण यह है।


1. चोरी किए गए सॉफ्टवेयर से - किसी भी सॉफ्टवेयर को गैर कानूनी ढंग से या फिर किसी दूसरे के सॉफ्टवेयर को बिना उसकी इजाजत के उपयोग करने को चोरी किए गए सॉफ्टवेयर कहते हैं इन सॉफ्टवेयर से हमारे कंप्यूटर में वायरस फैल सकता है।


2. नेटवर्क प्रणाली से - आज के समय में शिक्षण संस्थान में या नेट का फॉर्म में बहुत सी जगह में सारे कंप्यूटर एक साथ जुड़े हुए रहते हैं इसका दुष्परिणाम यह निकलता है कि किसी एक कंप्यूटर में भी अगर वायरस का हमला होता है तो वह सारे कंप्यूटर में आसानी से फैल जाता है।


3. दूसरे संग्रह के माध्यम से - अगर हम अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में किसी दूसरी डिवाइस के माध्यम से कोई डाटा कॉपी करते हैं या डालते हैं तो हमारे कंप्यूटर में वायरस आने की संभावना बढ़ जाती है।


4. इंटरनेट से - आज के समय में इंटरनेट ही सब कुछ है लेकिन इसके कुछ दुष्परिणाम भी है इंटरनेट से अगर हम अपने सिस्टम में कोई सॉफ्टवेयर या और कोई दूसरी चीज इंस्टॉल करते हैं तो अधिकतर चांस होते हैं कि हमारे कंप्यूटर में वायरस भी हो जाएं।



◆ कप्यूटर वायरस कितने प्रकार के होते है ? 


1. Partition Table Virus - पार्टीशन टेबल वायरस कप्यूटर की हार्ड डिक्स को नुकसान पहुंचाते हैं तथा इस वायरस से कंप्यूटर के सिस्टम या फिर कंप्यूटर के डाटा को कोई नुकसान नहीं पहुंचता यह सिर्फ हार्ड डिक्स को ही नुकसान पहुंचाते हैं और इसका परिणाम यह निकलता है कि कंप्यूटर स्लो चलने लगता है कंप्यूटर के RAM के कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है।


2. File virus - फाइल वायरस द्वारा कंप्यूटर की फ़ाइल को नुकसान पहुचता है फाइल वायरस .exe की फाइलों को नुकसान पहुंचाता है इसे ही फाइल वायरस कहते हैं।


3. Stealth virus - यह वायरस अपने नाम के अनुसार ही यूज़र से अपनी पहचान छुपाने का प्रयास करता है इसे ही गुप्त वायरस कहते हैं। 


4. Polymorphic virus - यह वायरस हर बार अलग-अलग रूप में सामने आता है जिससे इसे पहचानने में हमें बहुत कठिनाई होती है यह वायरस अपने आप को आपस मे बदल लेता है।


5. Macro virus - या वायरस कुछ स्पेशल फाइलों को भी संक्रमित करता है यह माइक्रो वायरस सिर्फ माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस में सेव फाइलों को ही हानि पहुंचाता है।


◆ एन्टी वायरस (Anti virus) क्या है। 


Anti Virus एक program होता है, जिसे कंप्यूटर में वायरस को नष्ट करने के लिए बनाया है Anti Virus कंप्यूटर में वायरस को ढूढ़ता है ओर ओर हमे सूचित करता है तथा उसे नष्ट भी करता है।


Anti Virus की सहायता से हम कंप्यूटर को स्कैन भी कर सकते है तथा इसके कारण हमारा डेटा सुरक्षित रहता है एन्टी वायरस को हमे अपने कंप्यूटर में इनस्टॉल करना पड़ता है तथा यह एक लिमिटेड टाइम के लिए होता है जब इसकी ड्यूरेशन खत्म हो जाती है तो हमे इसे रीनू करना पड़ता है।

एन्टी वायरस निम्न प्रकार के होते है जैसे- AVIRA, NORTAN, AVAST, Mcafee आदि।


◆ Anti Virus का उपयोग कैसे करे?


हमें अपने कंप्यूटर में Anti Virus का उपयोग करते समय कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए। जो बाते निम्न है।


1. हमे अपने कंप्यूटर को टाइम टाइम पर Anti Virus से स्कैन करते रहना चाहिए


2. जब भी आप कंप्यूटर में मेमोरी लगते है तो उसे Anti Virus के द्वारा जरूर से स्कैन कर ले।


3. कंप्यूटर में सीडी लगाने से पहले उसे चेक कर ले कि उस पर कोई स्केच तो नहीं है और शिर्डी लगाने के बाद उसे Anti Virus द्वारा स्कैन जरूर करें।


4. अपने Anti Virus को समय-समय पर अपडेट करते रहना चाहिए जिससे कि हमें बेहतर सुविधा प्राप्त हो और हमारा कंप्यूटर स्मूथ चले।


5. हम अपने कंप्यूटर में कोई भी गेम इंस्टॉल करते हैं तो उससे पहले Anti Virus से स्कैन कर ले।


6. कंप्यूटर कोई भी डिवाइस लगाने से पहले उसे Anti Virus द्वारा जरूरी स्कैन कर ले।


7. फ्री के Anti Virus को अपने कंप्यूटर में इंस्टॉल ना करें


8. अपना कंप्यूटर जो Anti Virus को सपोर्ट करता है वही Anti Virus कंप्यूटर में डलवाये।


अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई हो तो कृपया कर हमे कमेंट करके जरूर बताएं और इस पोस्ट को शेयर जरूर करे।




एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने