आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि html क्या है। what is html in hindi. आज के इस Modern युग में कोई mobile के बिना नहीं रह सकता है और जिसके भी पास मोबाइल होता है, उसमें internet भी होता है, जोकि हमें बहुत सी Information देता है और वह Information हमें किसी भी वेब पेज की जरिए प्राप्त होती है, जो कि html से बना होता है। बिना html के हम किसी भी Webpage की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।
Html एक प्रकार कोडिंग language है, जिसका उपयोग वेबसाइट डिजाइन में किया जाता है। html के बिना हम किसी भी वेब पेज को डिज़ाइन करने के बारे में सोच भी नही सकते है। html के साथ साथ css का भी उपयोग किया जाता है, जो वेब पेज को रंग रूप देने का कार्य करती है।
वेब पेज बनाने के लिए हम हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (Hyper Text Markup Language) की सहायता लेते है। हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज सामान्य टेक्स्ट को हाइपर टेक्स्ट में बदलने की क्षमता रखता है।
HTML का फुल फॉर्म "Hyper Text Markup Language" है। इसे बोलने में आसानी हो इसलिए हम इसका शार्ट फॉर्म HTML बोलते है।
HTML (Hyper Text Markup Language) का अर्थ इन चारों शब्दो से मिलकर बना हुआ है, तो आइए जानते है, इन चारों शब्दो को।
● हाइपर (Hyper) :- Hyper शब्द का अर्थ हाइपरलिंक से है अर्थात इंटरनेट पर दस्तावेजों को देखने का कोई निर्धारित क्रम नहीं होता है। जब आप इंटरनेट पर कार्य कर रहे होते हैं और आपको अपनी आवश्यकता वाला कोई दस्तावेज देखना है तो आप सीधे ही वहां पर तुरंत पहुंच सकते हैं यह कार्य Hyper के द्वारा होता है।
● टेक्स्ट (Text) :- Text उपभोक्ता को यह बताता है कि आप जिन फाइल पर कार्य कर रहे हैं, उनमें केवल Text ही टाइप किया जा सकता है।
● मार्कअप (Markup) :- Markup शब्द का अर्थ है कि वेब पेज बनाने के लिए हम सबसे पहले Text टाइप करते हैं तत्पश्चात उस Text की मार्किंग करते हैं। दूसरे शब्दों में हमें एचटीएमएल (HTML) कोडिंग करते समय यह बताना होता है कि कौन सा Text Bold किया जाना है और कहां पर कोई Image लगानी है आदि।
● लैंग्वेज (Language) :- Language अर्थ है कि हम अपना कार्य करने के लिए एक भाषा को उसके प्रारूप के साथ काम में ले रहे हैं।
HTML भाषा को "टिम बर्नर्स ली" (Tim Berners Lee) द्वारा 1990 के दशक के प्रारंभ में स्विजरलैंड के वर्ल्ड वाइड वेब पर वेबपेजेस को प्रकाशित करने के लिए विकसित किया गया था।
Hyper text मूलभूत रुप से साधारण Text की तरह ही होता है, इसे साधारण Text की तरह ही पढ़ा, संचित (Store) किया व खोजा जा सकता है, इसके अलावा उसमें नया टेक्स्ट भी जोड़ा जा सकता हैं। Hyper text की विशेषता यह है कि यह टेक्स्ट में अन्य दस्तावेजों (Documents) के साथ संबंध रखता है।
किसी Hyper text सिस्टम में यदि हम माउस से Hyper text को चिन्हित करते हैं तो हमें दूसरा डॉक्यूमेंट (The history of Hyper text) प्राप्त होता है। इसी प्रकार इस डॉक्यूमेंट में हाइपर टेक्स्ट किसी अन्य डाक्यूमेंट से जुड़ा (Link) हुआ या संबंधित हो सकता है। यह हाइपर टेक्स्ट लिंक, हाइपर लिंक (Hyper link) कहलाते हैं। इस प्रकार हम हाइपर टेक्स्ट की सहायता से जटिल से जटिल वेब लिंक बना सकते हैं।
वेब का सम्पूर्ण कार्य टेक्स्ट पर निर्भर करता है। हाइपर टेक्स्ट से संबंधित एक शब्द है हाइपर मीडिया, हाइपर टेक्स्ट वा हाइपर मीडिया के आधारभूत नियम है। अंतर केवल इतना है कि हाइपर मीडिया टेक्स्ट को विभिन्न चित्रों, चलचित्रों, ध्वनियों से भी जोड़ता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि हाइपर मीडिया हाइपर टेक्स्ट को मल्टीमीडिया से जोड़ता है।
HTML की सहायता से वेब पेज बनाने में कई महत्वपूर्ण तत्वों का प्रयोग करते हैं, जिनको HTML डॉक्यूमेंट बनाने से पहले जानना आवश्यक है। ये निम्नलिखित है :-
● टैग्स (Tags) -
प्रत्येक वेब पेज कई तत्वों से मिलकर बनता है। ये तत्व html कोड द्वारा प्रदर्शित किये जाते हैं। इन तत्वों को टैग (Tag) कहते हैं। टैग (Tag) को हमेशा कोणक - कोष्ठकों (Angel brackets)(<>) में बंद किया जाता है। सामान्यतः टैग (Tag) जोड़े में उपलब्ध होते हैं, ओपनिंग (Opening) व क्लोज़िंग (Closing) क्लोज़िंग टैग, ओपनिंग टैग की तरह ही होता है, पर यह एक फारवर्ड स्लैश (/) के साथ प्रारंभ होता है।
Syntax -<Tagname>..........</Tagname>
● ऐट्रिब्यूट्स (Attributes):-
एट्रिब्यूट किसी उपयोगकर्ता को (जो कि Html का उपयोग कर रहा है) यह बताता है कि किसी वेब ब्राउज़र को किस तरह टैग का उपयोग करना चाहिए। एंड टैग (End tag) को छोड़कर, स्टार्ट टैग (Start tag) एट्रिब्यूट को रख सकता है।
प्रारूप : Attribute ="value"
उदाहरण : align = "Center"
Html डॉक्यूमेंट तैयार करना बहुत ही आसान है। यह किसी सामान्य से टेक्स्ट एडिटर में लिखा जा सकता है। windows के किसी भी संस्करण में इसके लिए एडिटर उपलब्ध होता है। आमतौर पर windows पर वेब डॉक्यूमेंट लिखने के लिए notepad का use करते हैं।. इसे हम निम्नलिखित पदों में पूरा कर सकते हैं
1. Html प्रोग्राम को नोटपैड में टाइप करें।
2. Program को .htm या .Html विस्तारक नाम के साथ save करे।
3. Notepad program को बंद करे।
4. Internet Explorer को खोलें।
5. Address bar में पूरा पता लिखकर Enter key दबाए। आपको तुरंत ही अपने प्रोग्राम का output स्क्रीन पर नजर आ जायेगा।
HTML में चार टैग्स होते हैं, जो इस प्रकार है-
1. Html
2. Head
3. Title
4. Body
● Html :- यह Tag अथवा Command Broswer को बताता है कि बनाई गई file HTML की है।
किसी html का प्रारंभिक टैग या भाग html Tag होता है। यह Contener Tag है। इसलिए इसके दो भाग होते हैं।
(a) Start Tag
(b) End Tag
इसके अतिरिक्त अन्य सभी Tags व Text इन दोनों Tag के बीच में लिखें जाते हैं।
Exa:-
<HTML>
............
............
<HTML>
● Head Tag :- यह Tag हमारी वेब फ़ाइल के बारे में संपूर्ण जानकारी रखता है। यह html tag के बीच में लिखा जाता है। यह टैग अन्य टेग्स को भी रखता है जो कि हमारी वेब फाइल को बाहरी जगत से परिचित कराते हैं।
Exa:-
<HTML>
<HEAD>
............
............
<HEAD>
<HTML>
सामान्यतः Head Tag के भीतर केवल title tag को ही लिखा जाता है अन्य Tags बहुत कम प्रयोग में किए जाते हैं।
● Title Tag :- यह Tag, Head Tag के बाद में लिखा जाता है। वेब पेज के शीर्षक को इस Tag के माध्यम से लिखा जाता है। यह शीर्षक browser के Title bar प्रदर्शित होता है।
Exa:-
<HTML>
<Head>
<TITLE>
DESCRIBE YOUR TITLE
</TITLE>
</HTML>
यदि हम Title bar का उपयोग नहीं करते हैं अर्थात टाइटल नहीं देते हैं तो कुछ browser के द्वारा title बार पर URL प्रदर्शित होता है।
● Body Tag :- Body Tag, Head tag के पूरक की तरह कार्य करता है। यह tag किसी वेब पेज की संरचना में आने वाले प्रत्येक भाग को दर्शाता है। यह head tag के बाद में आता है। head tag व body tag वेबपेज का एक अलग भाग बनाते हैं।
Exa:-
<HTML>
<HEAD>
<TITLE>
My First Web Page
</TITLE>
</HEAD>
<BODY>
......................
......................
</BODY>
</HTML>
टैग्स केस सेंसिटिव (Case Sensitive) नहीं होते हैं अर्थात इन्हें बड़े अक्षरों या छोटे अक्षरों में लिखने पर ये समान व्यवहार करते हैं।
हम अपने वेबपेज हैडिंग (Headings) का उपयोग कर सकते हैं। इससे वेबपेज को एक सुव्यवस्थित तरीके से संगठित किया जा सकता है।
Exa:- <Hn> Text </Hn>
यहां n वह संख्या है, जो 1 से 6 तक दी जा सकती है तथा Heading के स्तर को निश्चित करता है।
Heading 6 प्रकार की होती है, जो निम्न है
H1:- यह सबसे पहली व उच्च स्तर की Heading है। यह हमारे पेज पर शीर्षक का काम करती है अर्थात broswer window में यह वेब पेज पर सबसे ऊपर प्रदर्शित होती है।
H2 :- यह webpage पर मुख्य भागों को प्रदर्शित करने का काम करती है।
H3 :- यह मुख्य भागों के अंदर उपभागों को प्रदर्शित करने के काम में आती है।
H4, H5, H6 स्तर भी अधिकतर broswer द्वारा उपयोग में लाए जा सकते हैं।
<HTML>
<HEAD>
<TITLE>
A Web page showing level.
<TITLE>
<H1>Level one Heading</H1>
<H2>Level one Heading</H2>
<H3>Level one Heading</H3>
<H4>Level one Heading</H4>
<H5>Level one Heading</H5>
<H6>Level one Heading</H6>
</BODY>
</HTML>
Html सीखना ज्यादा कठिन तो नही है। हम आज के समय मे html language सीख के बहुत से कार्य कर सकते है। अगर आपको blogging करनी हो या Webpage Design करना हो इन सब को आप बिना html language सीखे नही कर सकते।
आज के समय मे html लैंग्वेज सीखना बहुत जरूरी है तो आज हम आपको बताएंगे कि आपको html भाषा कैसे सीखना है।
Html भाषा सीखने की कुछ आसान रास्ते -
1. आप online माध्यम से html भाषा सीख सकते है। आज के समय मे कई ऑनलाइन माध्यम है, जिसके माध्यम से आप html सीख सकते है।
2. अगर आप चाहे तो youtube से भी html को सीख सकते है। youtube में बहुत से लोग Free में html सीखा रहे है। आप उनके चैनल join करके भी html language सीख सकते है
3. आप Market से html की Book खरीद कर भी html भाषा को सीख सकते है आज के समय मे Market में HTMLlanguage की अच्छे-अच्छे लेखको की Book उपलब्ध है।
4. आज कल कुछ Teacher ऑनलाइन मिल जाते है, जो Online paid Classes चलते है। आप चाहे तो उनकी Class भी ले सकते है
इन सब साधनों से आप html language को आसानी से सीख सकते है।
अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई हो तो कृपया कर हमे कमेंट करके जरूर बताएं और इस पोस्ट को शेयर जरूर करे।
HTML क्या है?
वेब पेज बनाने के लिए हम हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (Hyper Text Markup Language) की सहायता लेते है। हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज सामान्य टेक्स्ट को हाइपर टेक्स्ट में बदलने की क्षमता रखता है।
HTML |
HTML का Full form :-
HTML का अर्थ :-
● हाइपर (Hyper) :- Hyper शब्द का अर्थ हाइपरलिंक से है अर्थात इंटरनेट पर दस्तावेजों को देखने का कोई निर्धारित क्रम नहीं होता है। जब आप इंटरनेट पर कार्य कर रहे होते हैं और आपको अपनी आवश्यकता वाला कोई दस्तावेज देखना है तो आप सीधे ही वहां पर तुरंत पहुंच सकते हैं यह कार्य Hyper के द्वारा होता है।
● टेक्स्ट (Text) :- Text उपभोक्ता को यह बताता है कि आप जिन फाइल पर कार्य कर रहे हैं, उनमें केवल Text ही टाइप किया जा सकता है।
● मार्कअप (Markup) :- Markup शब्द का अर्थ है कि वेब पेज बनाने के लिए हम सबसे पहले Text टाइप करते हैं तत्पश्चात उस Text की मार्किंग करते हैं। दूसरे शब्दों में हमें एचटीएमएल (HTML) कोडिंग करते समय यह बताना होता है कि कौन सा Text Bold किया जाना है और कहां पर कोई Image लगानी है आदि।
● लैंग्वेज (Language) :- Language अर्थ है कि हम अपना कार्य करने के लिए एक भाषा को उसके प्रारूप के साथ काम में ले रहे हैं।
HTML के आविष्कारक :-
HTML की अवधारणा (Concept of Hyper text):-
Hyper text मूलभूत रुप से साधारण Text की तरह ही होता है, इसे साधारण Text की तरह ही पढ़ा, संचित (Store) किया व खोजा जा सकता है, इसके अलावा उसमें नया टेक्स्ट भी जोड़ा जा सकता हैं। Hyper text की विशेषता यह है कि यह टेक्स्ट में अन्य दस्तावेजों (Documents) के साथ संबंध रखता है।
किसी Hyper text सिस्टम में यदि हम माउस से Hyper text को चिन्हित करते हैं तो हमें दूसरा डॉक्यूमेंट (The history of Hyper text) प्राप्त होता है। इसी प्रकार इस डॉक्यूमेंट में हाइपर टेक्स्ट किसी अन्य डाक्यूमेंट से जुड़ा (Link) हुआ या संबंधित हो सकता है। यह हाइपर टेक्स्ट लिंक, हाइपर लिंक (Hyper link) कहलाते हैं। इस प्रकार हम हाइपर टेक्स्ट की सहायता से जटिल से जटिल वेब लिंक बना सकते हैं।
वेब का सम्पूर्ण कार्य टेक्स्ट पर निर्भर करता है। हाइपर टेक्स्ट से संबंधित एक शब्द है हाइपर मीडिया, हाइपर टेक्स्ट वा हाइपर मीडिया के आधारभूत नियम है। अंतर केवल इतना है कि हाइपर मीडिया टेक्स्ट को विभिन्न चित्रों, चलचित्रों, ध्वनियों से भी जोड़ता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि हाइपर मीडिया हाइपर टेक्स्ट को मल्टीमीडिया से जोड़ता है।
HTML के तत्व (Element of HTML)
HTML की सहायता से वेब पेज बनाने में कई महत्वपूर्ण तत्वों का प्रयोग करते हैं, जिनको HTML डॉक्यूमेंट बनाने से पहले जानना आवश्यक है। ये निम्नलिखित है :-
● टैग्स (Tags) -
प्रत्येक वेब पेज कई तत्वों से मिलकर बनता है। ये तत्व html कोड द्वारा प्रदर्शित किये जाते हैं। इन तत्वों को टैग (Tag) कहते हैं। टैग (Tag) को हमेशा कोणक - कोष्ठकों (Angel brackets)(<>) में बंद किया जाता है। सामान्यतः टैग (Tag) जोड़े में उपलब्ध होते हैं, ओपनिंग (Opening) व क्लोज़िंग (Closing) क्लोज़िंग टैग, ओपनिंग टैग की तरह ही होता है, पर यह एक फारवर्ड स्लैश (/) के साथ प्रारंभ होता है।
Syntax -<Tagname>..........</Tagname>
● ऐट्रिब्यूट्स (Attributes):-
एट्रिब्यूट किसी उपयोगकर्ता को (जो कि Html का उपयोग कर रहा है) यह बताता है कि किसी वेब ब्राउज़र को किस तरह टैग का उपयोग करना चाहिए। एंड टैग (End tag) को छोड़कर, स्टार्ट टैग (Start tag) एट्रिब्यूट को रख सकता है।
प्रारूप : Attribute ="value"
उदाहरण : align = "Center"
HTML डॉक्यूमेंट लिखना (Writing HTML Document)
Html डॉक्यूमेंट तैयार करना बहुत ही आसान है। यह किसी सामान्य से टेक्स्ट एडिटर में लिखा जा सकता है। windows के किसी भी संस्करण में इसके लिए एडिटर उपलब्ध होता है। आमतौर पर windows पर वेब डॉक्यूमेंट लिखने के लिए notepad का use करते हैं।. इसे हम निम्नलिखित पदों में पूरा कर सकते हैं
1. Html प्रोग्राम को नोटपैड में टाइप करें।
2. Program को .htm या .Html विस्तारक नाम के साथ save करे।
3. Notepad program को बंद करे।
4. Internet Explorer को खोलें।
5. Address bar में पूरा पता लिखकर Enter key दबाए। आपको तुरंत ही अपने प्रोग्राम का output स्क्रीन पर नजर आ जायेगा।
HTML के Commands या Tag -
HTML में चार टैग्स होते हैं, जो इस प्रकार है-
1. Html
2. Head
3. Title
4. Body
● Html :- यह Tag अथवा Command Broswer को बताता है कि बनाई गई file HTML की है।
किसी html का प्रारंभिक टैग या भाग html Tag होता है। यह Contener Tag है। इसलिए इसके दो भाग होते हैं।
(a) Start Tag
(b) End Tag
इसके अतिरिक्त अन्य सभी Tags व Text इन दोनों Tag के बीच में लिखें जाते हैं।
Exa:-
<HTML>
............
............
<HTML>
● Head Tag :- यह Tag हमारी वेब फ़ाइल के बारे में संपूर्ण जानकारी रखता है। यह html tag के बीच में लिखा जाता है। यह टैग अन्य टेग्स को भी रखता है जो कि हमारी वेब फाइल को बाहरी जगत से परिचित कराते हैं।
Exa:-
<HTML>
<HEAD>
............
............
<HEAD>
<HTML>
सामान्यतः Head Tag के भीतर केवल title tag को ही लिखा जाता है अन्य Tags बहुत कम प्रयोग में किए जाते हैं।
● Title Tag :- यह Tag, Head Tag के बाद में लिखा जाता है। वेब पेज के शीर्षक को इस Tag के माध्यम से लिखा जाता है। यह शीर्षक browser के Title bar प्रदर्शित होता है।
Exa:-
<HTML>
<Head>
<TITLE>
DESCRIBE YOUR TITLE
</TITLE>
</HTML>
यदि हम Title bar का उपयोग नहीं करते हैं अर्थात टाइटल नहीं देते हैं तो कुछ browser के द्वारा title बार पर URL प्रदर्शित होता है।
● Body Tag :- Body Tag, Head tag के पूरक की तरह कार्य करता है। यह tag किसी वेब पेज की संरचना में आने वाले प्रत्येक भाग को दर्शाता है। यह head tag के बाद में आता है। head tag व body tag वेबपेज का एक अलग भाग बनाते हैं।
Exa:-
<HTML>
<HEAD>
<TITLE>
My First Web Page
</TITLE>
</HEAD>
<BODY>
......................
......................
</BODY>
</HTML>
टैग्स केस सेंसिटिव (Case Sensitive) नहीं होते हैं अर्थात इन्हें बड़े अक्षरों या छोटे अक्षरों में लिखने पर ये समान व्यवहार करते हैं।
HTML Headings :-
हम अपने वेबपेज हैडिंग (Headings) का उपयोग कर सकते हैं। इससे वेबपेज को एक सुव्यवस्थित तरीके से संगठित किया जा सकता है।
Exa:- <Hn> Text </Hn>
यहां n वह संख्या है, जो 1 से 6 तक दी जा सकती है तथा Heading के स्तर को निश्चित करता है।
Heading 6 प्रकार की होती है, जो निम्न है
H1:- यह सबसे पहली व उच्च स्तर की Heading है। यह हमारे पेज पर शीर्षक का काम करती है अर्थात broswer window में यह वेब पेज पर सबसे ऊपर प्रदर्शित होती है।
H2 :- यह webpage पर मुख्य भागों को प्रदर्शित करने का काम करती है।
H3 :- यह मुख्य भागों के अंदर उपभागों को प्रदर्शित करने के काम में आती है।
H4, H5, H6 स्तर भी अधिकतर broswer द्वारा उपयोग में लाए जा सकते हैं।
<HTML>
<HEAD>
<TITLE>
A Web page showing level.
<TITLE>
<H1>Level one Heading</H1>
<H2>Level one Heading</H2>
<H3>Level one Heading</H3>
<H4>Level one Heading</H4>
<H5>Level one Heading</H5>
<H6>Level one Heading</H6>
</BODY>
</HTML>
HTML कैसे सीखें-
आज के समय मे html लैंग्वेज सीखना बहुत जरूरी है तो आज हम आपको बताएंगे कि आपको html भाषा कैसे सीखना है।
Html भाषा सीखने की कुछ आसान रास्ते -
1. आप online माध्यम से html भाषा सीख सकते है। आज के समय मे कई ऑनलाइन माध्यम है, जिसके माध्यम से आप html सीख सकते है।
2. अगर आप चाहे तो youtube से भी html को सीख सकते है। youtube में बहुत से लोग Free में html सीखा रहे है। आप उनके चैनल join करके भी html language सीख सकते है
3. आप Market से html की Book खरीद कर भी html भाषा को सीख सकते है आज के समय मे Market में HTMLlanguage की अच्छे-अच्छे लेखको की Book उपलब्ध है।
4. आज कल कुछ Teacher ऑनलाइन मिल जाते है, जो Online paid Classes चलते है। आप चाहे तो उनकी Class भी ले सकते है
इन सब साधनों से आप html language को आसानी से सीख सकते है।
Conclusion -
अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई हो तो कृपया कर हमे कमेंट करके जरूर बताएं और इस पोस्ट को शेयर जरूर करे।