Computer क्या है? What is computer in hindi

क्या आप लोग जानते हैं कि कंप्यूटर क्या है। What is computer in hindi. आप में से बहुत से लोग जानते भी होंगे और कुछ नही भी। कुछ समय पहले जब कंप्यूटर का विकास नहीं हुआ था, तब हम सभी कार्य कागज ओर पेन की सहायता से करते थे  

इन कार्यों को करने में हमें बहुत ही कठिनाई होती थी। चाहे वह किसी भी बड़ी से बड़ी संख्या का Calculation करना हो या किसी बड़ी Company में data तैयार करना हो या किसी बच्चे की मार्कशीट तैयार करनी हो ऐसे बहुत से कार्य थे, जिसे करने में हमें बहुत ही परेशानी होती थी। 

Computer क्या है? What is computer in hindi

ऐसे कार्यों को करने में बहुत ही अधिक समय और खर्च भी बहुत होता था। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए computer की खोज की गई जिससे हमारे सभी कार्य बहुत ही आसानी से और कम समय में होने लगे।

आज के समय में छोटे से छोटा कार्य हो या बड़े से बड़ा सभी कार्य हम computer पर ही करते हैं।

Contents -


कप्यूटर क्या है?(What is Computer)

कप्यूटर की परिभाषा(Definetion of computer)

कप्यूटर के आविष्कारक (Invention computer)

कप्यूटर की संरचना(Structure of computer)

कप्यूटर का वर्गीकरण(Classification computer)

कप्यूटर की पीढ़ी (Generation of computer)

कप्यूटर का Full From.(computer full form)

कप्यूटर का इतिहास (History of computer)

कप्यूटर के कार्य (Work of computer)

कप्यूटर की विशेषताएं (Features of computer)

कप्यूटर के लाभ (Benefits of computer)

कप्यूटर की सीमाएं (Limitection of computer)

Conclusion


◆ Computer क्या है?


Computer शब्‍द को लैटिन भाषा के ‘Computare’ शब्‍द से बनाया गया है, जिसका अर्थ होता है–‘गणना करना’

अगर हम कंप्यूटर को दूसरे शब्‍दों में कहे तो कम्‍प्‍यूटर एक ऐसी इलेक्‍ट्रानिक मशीन है, जो कि गणना करके 100% शुद्ध परिणाम हमें देती है।

किसी भी डेटा को इनपुट यूनिट द्वारा कम्‍प्‍यूटर में डाटा को प्रवेश करवाया जाता है तथा CPU द्वारा उस डाटा पर process के बाद आउटपुट यूनिट(monitor) पर result प्रदर्शित होता है।

◆ कंप्यूटर की परिभाषा 


computer एक तीव्र गति का इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है, जो गणितीय एवं तार्किक क्रियाकलापों का सफलता से संपादन करता है। यह डाटा को लेता है और एक क्रमबध्द प्रक्रिया के जरिए उसे इच्छा अनुसार सूचना के रूप में प्रयुक्त करता है

◆ Computer के आविष्कारक 


उन्नीसवीं शताब्दी में चार्ल्स बेवेज नामक विख्यात गणितज्ञ (Mathematics) ने ही इसकी शुरुआत की। इसलिए इन्हें आधुनिक "कंप्यूटर का जन्मदाता" (Father of Computer) चार्ल्स बेवेज को कहा जाता है। वे इंग्लैण्ड निवासी थे। चार्ल्स बेवेज ने 1833 में एक मशीन का आविष्कार किया, इसे Analytical Engine कहा गया।

◆ कंप्यूटर की संरचना 


एक पूरा कंप्यूटर को दो भागों में व्यक्त किया जा सकता है

1. हार्डवेयर (hardware)
2. सॉफ्टवेयर (software)

हार्डवेयर(Hardware) - Computer से जुड़े वे सभी भाग जिसे हम आँखों से देख तथा हाथों से छू सकते हैं, महसूस कर सकते हैं। Hardware कहलाते हैं। Hardware स्वयं किसी भी प्रकार का कार्य नहीं करता है, उससे कार्य करवाने के लिए हमें Software की आवश्यकता पड़ती है।

(1) Input Device :- Keyboard, Mouse, OMR, OCR, MICR, OBR, joystick, Trackball, Litepen, Webcamera, Touchscreen

(2) Output Device :- Monitor, printer, Plotter, Speaker, Projector, Headphone, GPS, Soundcard

जबकि सभी तरह के निर्देश के समूह को सॉफ्टवेयर कहा जा जाता है

सॉफ्टवेयर (Software) - Computer से जुड़े आदेशों एवं निर्देशो का समूह 
Software कहलाता है, जो सिस्टम को चलाने में मदद करते हैं। अर्थात कंप्यूटर में Software से किसी भी कार्य को करवाने के लिए हमें Command या निर्देश देने पड़ते हैं। तभी Software हमारे दिये हुए निर्देश पर कार्य करता है।

कंप्यूटर का वर्गीकरण 


डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer) - यह कंप्यूटर आंकड़ों या डाटा (data) को अंको में परिवर्तित कर देते हैं और फिर उनकी संख्याओं को गिनती करते हैं, जो किसी संख्या अक्षर या फिर किसी विशेष चिन्हों को दर्शाते हैं। इस तरह के कंप्यूटर का उपयोग मुख्य रूप से व्यापारी तथा वैज्ञानिक क्षेत्रों में किया जाता है।

उदाहरण - डेस्कटॉप, कंप्यूटर, लैपटॉप।

● एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) - वे सभी यंत्र जो माप के आधार पर काम करते थे। उनका अपना परिणाम देते थे, उन्हें एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) कहते हैं, अर्थात पहले हम जो भी यंत्र का उपयोग करते थे।

जैसे - बैरोमीटर, एमबी मीटर, थर्मामीटर अत्यधिक सभी एनालॉग श्रेणी (Analog series) में आते हैं, इनमें डिजिटल के रूप में तुरंत परिणाम नहीं मिलते थे। अपितु सुई तथा सिग्नल की स्थिति का माफ कर परिणाम मिलते थे। इन सभी यंत्रों का आजकल एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) के वर्ग में रखते हैं।

अब हम कप्यूटर के काम करने की गति का मापन वाले इकाई के बारे में जानकारी प्राप्त करते है, कंप्यूटर की गति को हम निर्देश मिली सेकंड, माइका सेकंड तथा पीको सेकंड में मापते हैं

हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer) - यह कंप्यूटर जिनमें डिजिटल एवं एनालॉग कंप्यूटर देशों में ही गुण विद्यमान रहते हैं, इन्हें हाइब्रिड कंप्यूटर (hybrid Computer) कहते हैं।

इनका उपयोग मशीन में किया जाता है या फिर कारखाना व्यक्ति निरंतर के लिए किया जाता है

नोट - एक नए तरह का कंप्यूटर का विकास हो रहा है जिसे ऑप्टिकल कंप्यूटर कहा जाता है और जिनको काम करने की जाती काफी ज्यादा होती है जो सभी तरह के तर्क पर काम कर सकेगा।


◆ कंप्यूटर की पीढ़ी (Generation of computer) 


इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग के क्षेत्र में जो विशेष विकास हुए हैं उन्हें ही हम कंप्यूटर की पीढ़ी के रूप में देखते हैं कंप्यूटर तकनीक का लक्ष्य छोटे रास्ते तथा ज्यादा सक्षम कंप्यूटर का विकास करना है

पिछले 50 वर्षों में कंप्यूटर के विकास की गति काफी तेज हुई है जिसमें पांच प्रमुख चरणों में बांटा गया है और प्रत्येक चरण को हम एक पीढ़ी कहते हैं इनकी पांच पीढ़ी लिया है

Computer का Full From 


कंप्यूटर को लेकर ये चीज सबके दिमाग मे जरूर चलती है कि कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या होगा अपमें से बहुत से लोगो ने भी कई बार कंप्यूटर का फुल फॉर्म के बारे में जाना चाहा होगा और बहुत से लोगो को तो computer का Full From पता भी होगा तो चलो आज हम जानते है कि कंप्यूटर का full form क्या होता है

COMPUTER

C – Commonly

O – Operated

M – Machine

P – Particularly

U – Used for

T – Technical

E – Education

R – Research

इसी को Computer का Full From कहा जाता है वैसे तो कंप्यूटर शब्द के बहुत सारे Full From होते है पर अधिकतर लोग इसे ही जानते है और इसे ही पड़ते है।

कंप्यूटर का इतिहास (History of computer) 


● पास्कल की जोड़ने वाली मशीन - ब्लेज पास्कल ने सन 1642 ईसवी में सर्वप्रथम यंत्र से जोड़ करने वाली मशीन का आविष्कार किया उसने इस मशीन का आविष्कार अपने पिता की मदद करने के लिए किया उनके पिता फ्रांस में एक कर अधिकारी के रूप में काम करते थे

इसी तरह दूसरे मशीन की विकास की प्रक्रिया भी शुरू हो गई और दूसरी मशीन का निर्माण 1684 में गॉट फ्रेंड लेबनीज ने किया या मशीन एक वास्तविक केलकुलेटर सिद्ध हुआ क्योंकि इसके जरिए जोड़ एवं घटाव के अलावा गुना एवं भाग करना भी संभव हो गया अर्थात बड़ी बड़ी घटनाओं को हल करना कुछ सरल हो गया

जैक्वार्ड कालूम- जोसेफ़ जैकवर्ड 19वीं शताब्दी चरणों में ही वास्तविक विकास की दशा के में एक कार्य करना शुरू कर दिया था चेक वर्ड कोई वैज्ञानिक नहीं था बल्कि एक कपड़ा बनाने वाला कारीगर था उसने 1804 ईसवी में ऑटोमेट लूम का आविष्कार किया

उसने पंच कार्ड का इस्तेमाल अपने स्वचालित वस्त्र बनाने वाली मशीन में किया जिससे कि वह जटिल डिजाइन को भी नमूने में डालकर कपड़ों में उतार सके इसने इसमें काफी सफलता भी पाई इस मशीन का कार्य पंच कार्ड में उपस्थित चित्र पर निर्भर करता था 

इस तरह जो सिर्फ चेक वडने एक दो अंकित संकेत तंत्र के विकास के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान किया

चार्ल्स बैबेज - कंप्यूटर के इतिहास में चार्ल्स बैबेज का नाम सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है उन्होंने आज के आधुनिक डिजिटल कंप्यूटर का पिता कहा जाता है उन्होंने सन 1822 ईसवी में डिफरेंस इंजन का निर्माण किया उनके द्वारा निर्मित एनालिटिकल इंजन कंप्यूटर के शुरुआत के लिए 1 मील का पत्थर साबित हुआ

इस मशीन में लगभग 50000 हिलने डुलने वाले भाग लगे हुए थे जो कि आंतरिक द्वारा कार्य करते थे यह दोनों प्रकार के कार्य करने में सक्षम था अंक गणितीय गणना करने वाले आंकड़े को सुरक्षित रखने में सक्षम था।

होलेरिथ की मशीन - सन 1885 ईसवी में हरमन होलेरिथ जो कि संयुक्त राज्य अमेरिका के जनगणना विभाग में काम करता थे उन्होंने सन 1885 ईसवी में बिजली से चलने वाली मशीन का निर्माण किया जो सभी तरह की घटनाएं कर सकती थी तथा उसे स्थाई रूप से सुरक्षित भी रख सकती थी ।

यह मशीन संख्याओं के साथ साथ अक्षरों को भी समझ सकती थी उसे विभिन्न प्रक्रियाओं के द्वारा इच्छा अनुसार प्रस्तुत भी कर सकती थी यह मशीन पंच कार्ड के जरिए इनपुट सकती थी और उनके चित्रों का मेल ही उस इनपुट डाटा का संकेत तैयार करता था ।

उसने एक मशीन का आविष्कार किया जो कार्ड में छेद करने में सक्षम थी इसे टेबुलेटर कहा गया यह मशीन कार्ड की प्रोसेसिंग भी कर सकती थी 

इस मशीन में 1890 में यूएस US जनगणना में 600 लाख व्यक्तियों की सूचनाओं को सही रूप से हल किया 1996 ईसवी में होलेरिथ ने अपनी खुद की एक कंपनी की स्थापना की जिसका नाम टेबुलेटिंग मशीन कंपनी रखा है

यही कंपनी आज आईपीएम IBM के नाम से विश्व विख्यात है इस तरह हम पाते हैं कि कंप्यूटर में नई खोज वर्षों से होती आ रही है और कुछ समय के अंतराल के बाद नए नए तरह के कंप्यूटर का निर्माण होता जा रहा है 

अतः इस प्रक्रिया को कप्यूटर पीढ़ी के रूप में देखते हैं तो आइए हम कप्यूटर की पीढ़ियां के बारे में जानते हैं।

कंप्यूटर के कार्य 


मुख्यतः कंप्यूटर चार प्रकार के कार्य करता है

1. आंकड़ों (Data) को इनपुट के रूप में लेता है।

2. सभी निर्देशों एवं आंकड़ों (Data) को अपनी स्मृति (memory) में संचित रखता है एवं जरूरत पड़ने पर उसे प्रस्तुत करता है ।

3. सभी आंकड़े पर दिए गए निर्देश के अनुसार कार्यवाही करता है जिससे एक उपयोगी सूचना प्रस्तुत हो सके।

4. इस उपयोगी सूचना को अंतिम परिणाम (output) के रूप में प्रस्तुत करता है।

कंप्यूटर की विशेषताएं 


कंप्यूटर अपनी विशेषताओं के कारण कि आज सबसे महत्वपूर्ण प्रभावशाली एवं उपयोगी साधन बन सका है कंप्यूटर की विशेषताएं निम्नलिखित है

1 गति (speed) - कंप्यूटर की पहली विशेषता इसकी गति है यह सभी तरह के कार्यों को कुछ समय में हल कर देता है इसकी गति में कभी भी कमी नहीं आती यह लगातार सभी कार्यों को उसी तीव्र गति से संपन्न कर देता है काम के बोझ से इसकी गति कम नहीं होती

2. शुद्धता (accuracy) - शुद्धता यहां अर्थ होता है परिणाम में शुद्धता कंप्यूटर अपने सभी कार्य क्रियाकलापों को सही रूप से संपन्न करता है जिसकी वजह से उसके द्वारा प्रस्तुत किए गए परिणाम की शुद्धता शत प्रतिशत सही रहती है और यह विशेषता को हर वक्त बनाए रखता है कंप्यूटर कभी भी गलत परिणाम या सूचना नहीं देता

3. स्टोरेज- कंप्यूटर की एक विशेषता इसके संचय करने की क्षमता है यह अत्यधिक आंकड़ों को जमा रख सकता है इसे इसकी मानसिक क्षमता भी कहा जा सकता है कंप्यूटर में संचय करने की क्षमता को मेमोरी भी कहते हैं और इसके मापने की इकाई वाइट होती है

4.सार्वभौमिकता (versatility) - कंप्यूटर की विशेषता इसकी उपयोगिता में छुपी है कंप्यूटर ही एकमात्र ऐसा यंत्र है जिसे सभी जगह पर उपयोग में लाया जा सकता है 

अभी आंतरिक वैज्ञानिक अनुसंधान नक्शे बनाने में बैंकों में इत्यादि जगह में कंप्यूटर का इस्तेमाल सफलता से किया जा रहा है

5. स्वचालन (automation) - कंप्यूटर को अलग लगातार काम करने की आज्ञा मिल गई तो हो तो बिना किसी हस्तक्षेप के खुद-ब-खुद दिए गए आज्ञा के अनुसार कार्य करता होगा रहेगा।

6.परिश्रमी (Diligence) - क्योंकि कंप्यूटर एक यंत्र है इसमें मानवो या मनुष्य की तरह थकने की गुंजाइश नहीं होती है अर्थात या लगातार वृद्धि से एवं उच्च शुद्धता से काम करता रहता है एवं थकता नहीं है 1 लाखवी गड़ना भी वह उसी गति से संपन्न करेगा जितने गति से उसने पहली गड़ना सम्पन्न की थी

Computer के लाभ 


1. कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण लाभ है उसकी सरलता हम कंप्यूटर में बड़े से बड़ा और कठिन से कठिन कैलकुलेशन भी बहुत आसानी से कर सकते हैं तथा इसमें कोई भी कैलकुलेशन करना बहुत आसान होता है और सेकेंडो में उसका उत्तर हमें मिल जाता है

2. हम कंप्यूटर के उपयोग से समय की बचत कर सकते हैं तथा बड़े से बड़ा कार्य बहुत कम समय में कर सकते हैं जिससे हमारे कीमती समय की बचत होती है

3. हम कंप्यूटर पर काम करके हमारे कीमती पैसे भी बचा सकते हैं जो कार्य कंप्यूटर सेकंडो में बिना पैसे के कर देता है वही काम एक व्यक्ति कई घंटों लगा कर और पैसे लेकर करता है इसीलिए कप्यूटर हमारे पैसे की भी बचत करता है

4. कंप्यूटर हमारे कीमती डाटा को सुरक्षित रखता है चाहे वह कितना भी हो हम कंप्यूटर की स्टोरेज बढ़ाकर हमारे बहुत सारे कीमती राठौर में सुरक्षित रख सकते है।

5. कंप्यूटर की मदद से हम ऑनलाइन बहुत से काम करके पैसे भी कमा सकते हैं

6. हम कंप्यूटर में विभिन्न तरह के कार्य कर सकते हैं जैसे कि ऑनलाइन अर्निंग, डाटा एंट्री।

Computer की सीमाएं 


1. यह बहुत प्रबल यंत्र है पर खुद नहीं सोच सकता, इसे मनुष्य ऑपरेट करता है।

2. कंप्यूटर खुद सभी कार्य नहीं कर सकता क्योंकि यहां मानव की तरह लचीला और चलायमान नहीं होता है।

3.कंप्यूटर सीमित क्षेत्र के बाहर कुछ नहीं कर सकता जब तक कि उसे आदेश न दिया जाये।

4. कंप्यूटर किसी कार्य का विकल्प नहीं ढूंढ सकता।

5. कंप्यूटर महंगा होने के कारण इसका उपयोग आम व्यक्ति नहीं कर पाता है इसी कारण इसकी कीमत भी इसके उपयोग में एक बाधा है।

Conclusion 


अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई हो तो कृपया कर हमे कमेंट करके जरूर बताएं और इस पोस्ट को शेयर जरूर करे।
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